Thousands of devotees reached Krishnagiri: नवरात्रि पर 9 देशों व 27 राज्यों के हजारों श्रद्धालु पहुंचे कृष्णगिरी

Thousands of devotees reached Krishnagiri: नवरात्रि पर 9 देशों व 27 राज्यों के हजारों श्रद्धालु पहुंचे कृष्णगिरी

Thousands of devotees reached Krishnagiri

Thousands of devotees reached Krishnagiri: नवरात्रि पर 9 देशों व 27 राज्यों के हजारों श्रद्धालु पहुं

देवी मां पद्मावतीजी का अतिभव्य दुग्धाभिषेक, कलश स्थापना व देवी भागवत कथा एवं हवन यज्ञ में शुरु हुई आहुतियां 

राष्ट्रसंत पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी म.सा.ने कहा, मां के समक्ष हाथ जोड़कर ईश्वरीय श्रद्धा के साथ आंतरिक शक्ति भी जगाएं 

कृष्णगिरी। Thousands of devotees reached Krishnagiri: शक्तिमय पतित पावन विश्व प्रसिद्ध तीर्थ श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ में नवरात्रि के विशेष महापर्व पर 9 देशों एवं भारत के 27 राज्यों के अनेक शहर कस्बों से हजारों श्रद्धालु कृष्णगिरी पहुंचे हैं। यहां शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, आध्यात्म योगी परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में 10 दिवसीय श्री नवरात्रि भक्ति, अभिषेक, देवीभागवत कथा एवं यज्ञ–आराधना का ऐतिहासिक आयोजन सोमवार से भव्यता से जयकारों की गूंज के साथ प्रारंभ हुआ। प्रातः 10 बजे से श्री आदिशक्ति जगतजननी राजराजेश्वरी मां पद्मावतीजी का हजारों लीटर दूध से प्रत्येक श्रद्धालु ने अपने हाथों से क्रमबद्ध करीब 2 घंटे तक दुग्ध अभिषेक किया। इसके बाद नवरात्रि विशेष देवियों के अति विशाल पंडाल रूपी राजमहल का पूज्य गुरुदेव के सान्निध्य में गुरुभक्त सुशील कुमार जैन भटिंडा द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया। विधिवत कलश स्थापना, देवियों की पूजा, भक्ति, श्रृंगार के बाद पूज्य गुरुदेवजी के श्रीमुखारविंद से देवी भागवतजी की कथा का वाचन प्रारम्भ हुआ। इस दौरान उन्होंने देवी मां के विभिन्न दुर्लभ नामों की स्तुति वाचन एवं संगीतमय भक्ति के साथ श्रद्धालुओं को नवरात्रि पर्व की महत्ता बताई। डॉ वसंतविजयजी महाराज ने कहा कि नवरात्रि व्यक्ति के लिए दुख से उबर कर नया जीवन प्राप्त करने का अवसर है। बगैर प्रमाद के श्रद्धा पूर्वक विश्वास से पूरी शक्ति लगाकर ममतामयी मां की भक्ति करेंगे तो 9 दिनों में ही सुख, समृद्धि, आरोग्य व ऐश्वर्य की प्राप्ति होने लगेगी। पूज्य गुरुदेव ने हाथ जोड़कर वंदन करने तथा भक्ति में तालियां बजाने को विस्तार से परिभाषित करते हुए बताया कि जब दोनों हाथ जोड़ते हैं तो दिमाग की तरंगे तीव्र गति से काम करती है। मानव शरीर का हजार गुना अधिक शक्ति संचार बढ़ता है अर्थात आध्यात्मिक ही नहीं, शरीर की ऊर्जा बढ़ाने वाली हाथ जोड़ने की क्रिया ईश्वरीय श्रद्धा की प्रतीक तो है ही साथ ही व्यक्ति की स्वयं की आंतरिक शक्तियों को जगाने का श्रेष्ठतम उपाय भी है। कार्यक्रम में अनेक प्रांतों के संगीतकारों–कलाकारों ने विभिन्न भक्तिमय प्रस्तुतियां दी। रात्रि में हजारों दीपों से मां की सामूहिक महाआरती कर सभी श्रद्धालुओं ने नवरात्रि के प्रथम दिन का चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेवश्रीजी के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा से लाइव प्रसारित किया गया।